केवांच बीज
हरे बेलनाकार रोयें युक्त तने , रोंयदार फल्लियों वाली लता।
बीज का चूर्ण - दुर्बलता , क्षय रोग , श्वांस रोग में लाभकारी।
हरे बेलनाकार रोयें युक्त तने , रोंयदार फल्लियों वाली लता।
बीज का चूर्ण - दुर्बलता , क्षय रोग , श्वांस रोग में लाभकारी।
पतली कांटेदार शाखाएँ ,सुई के सामान पत्ती वाली बेल।
जड़ - नपुसंकता , अतिसार ,स्त्री रोग , रक्त प्रदर में उपयोगी।
विपरीत उगने वाली गोल पत्तियाँ युक्त रोएंदार लता।
पत्तियों एवं जड़ का चूर्ण, मधुमेह, कफनाशक, सूजन सर्पदंश में उपयोगी।
नए तने पर चिकनी, पुराने पर अनियमित उभरते छिलके वाला मध्यम आकर का वृक्ष। काष्ठ का उपयोग जलाऊ लकड़ी में।
फल का गूदा - सिरदर्द, बबासीर, फल का चूर्ण - मधूमेह एवं पित्त में उपयोगी।
बड़े डंठल वाली पत्तियाँ, तने पर उभार, छाल राख के रंग की।
फल चूर्ण त्रिफला में, चूर्ण खांसी श्वाँस, नेत्र रोग, बाल वर्धक में उपयोगी।
उभरते छिलके वाली गहरी भूरी छालयुक्त मध्यम आकर का वृक्ष।
फल चूर्ण त्रिफला में, चूर्ण मुख रोग, कब्ज एवं गठिया में उपयोगी।
बड़े छत्र चिकना तना, झूलती मजबूत शाखाओ वाला नदी-नालों के किनारे उगने वाला वृक्ष।
काष्ट अति कठोर बैलगाड़ी, नाव बनाने उपयोगी।
छाल चूर्ण - उच्च रक्तचाप हृदय रोग घाव एवं कुष्ठ रोग में उपयोगी।
काले फलों, गोल झालाकार पत्तियों वाला, झाड़ीनुमा पौधा।
फल - अल्सर फोड़े दस्त एवं गर्भाशय में लाभकारी।
धूसर छाल, फैली हुई शाखाएं एवं गोलाकार छत्र वाला वृक्ष।
काष्ट मजबूत, कठोर घरेलू एवं जलाऊ में उपयोग।
फूल का उपयोग सिरका एवं शराब में, पत्तियों का उपयोग दोना एवं पत्तल बनाने में तथा बीज के तेल का उपयोग जलाने एवं साबुन बनाने में।
भूरी चिकनी छाल , चमकदार हरी पत्तियों एवं विशाल छत्र वाला वृक्ष।
काष्ठ का उपयोग जलाने में तथा घरेलू उपयोग में।
फल-सिरका एवं उदर रोग, बीज का चूर्ण मधुमेह में अतिलाभदायक।
अनियमित आकार के तने हल्की भूरी छाल एवं त्रिपत्तिया वाला।
इसको छिलवा, ढाक, टेसू, खकरा एवं किसंकु नामो से भी पहचान।
पुष्प का उपयोग रंग में , पत्ति दोना पत्तल में जड़ रस्सी बनाने में उपयोगी।
गोंद कमरकस नाम से विख्यात उपयोग अतिसार ,कुष्ठ ,चर्मरोग एवं बिच्छू डंक में उपयोगी।
चार से छहवर्णक वाली पत्तिया युक्त गोलाकार छत्र वाला मध्यम आकार का वृक्ष।
पत्तियों की नयी कोपलें रक्त वर्ण , गर्मियों में पत्तियों से पूर्ण।
छाल का उपयोग टेनिन एवं कुष्ठ तथा चर्म रोगो में भी।
भूरी छाल खुले छत्र वाला , पिले झाड़ - फानूस की आकृति के पुष्पों वाला मध्यम आकार का वृक्ष।
काष्ठ कठोर एवं टिकाऊ , घरेलु कार्यों में उपयोग।
फल का गूदा कुपच ,कृमि नाशक पत्र रस ,चर्मरोग एवं चेहरे के लकवा लाभकारी।
तीन से पाँच प्रतिपर्ण युक्त गहरे एवं हरे रंग की पत्ती वाला मध्यम आकार का वृक्ष।
काष्ट मजबूत, कठोर घरेलू कार्यों में उपयोग।
बीज से निकले तेल का उपयोग साबुन बनाने में।
पुष्प - मधूमेह, तेल - चर्मरोग, धाव, बवासीर वात व्याधि पत्ते दस्त अपच में उपयोग।
गहरी भूरी काली, चौकोर छोटे खाने की छाल वाला छोटा वृक्ष।
फल खाने में उपयोगी, बीज की गिरी चिरोंजी सूखा मेवा के रूप में विख्यात।
भूरी छाल, कांटेदार, शाखाओं एवं त्रिपत्तीय मध्यम आकर का वृक्ष।
काष्ठ का उपयोग कृषि औजार एवं घरेलु उपकरणों में।
पत्तियों का उपयोग भगवान शिव की पूजा में।
फल -कुपाचन में, गूदा - पीलिया में, पत्ते का रस - मधुमेह एवं ज्वर में उपयोगी।